श्री दुर्गा चालीसा
🌺 श्री दुर्गा चालीसा 🌺 ॥ दोहा ॥निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करें सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें भगवान॥ ॥ चौपाई ॥जय अम्बे गौरी, माय जगदम्बे गौरी।तुमहि निरखत हौं, दयालु भव भौरि॥ चन्द्र समान मुख, बाल सुहाए।कानन कुंडल, नाग लपेटाए॥ रूप मातु को, अधिक सुहावा।दरश करत, हृदय सुख पावा॥ लाल अति शोभित, नीले