एक हरे-भरे जंगल में एक छोटी सी गौरैया रहती थी। उसका नाम था चिंकी। वह बहुत छोटी थी, लेकिन उसके सपने बहुत बड़े थे।
जंगल में सभी पक्षी ऊँची उड़ान भरते थे, मगर चिंकी की उड़ान बहुत कम थी। बाकी पक्षी उसका मज़ाक उड़ाते थे और कहते थे —
“तुम कभी भी आसमान तक नहीं पहुँच सकती!”
लेकिन चिंकी ने हार नहीं मानी। उसने सोचा —
“अगर मैं रोज़ अभ्यास करूँगी, तो एक दिन ज़रूर ऊँचा उड़ूँगी।”
चिंकी का संघर्ष और अभ्यास
रोज़ मेहनत करने का निर्णय
चिंकी हर सुबह सूरज उगते ही उड़ान का अभ्यास करती।
वह ऊँची शाखाओं पर चढ़ने की कोशिश करती।
कई बार वह गिर जाती और चोट भी लगती।
लेकिन उसने हार मानना कभी नहीं सीखा।
कठिन समय आया
एक दिन जंगल में तेज़ तूफ़ान आया।
सभी पक्षी अपने घोंसलों में छिप गए, मगर एक छोटे कबूतर का बच्चा पेड़ से गिर गया।
कोई भी पक्षी मदद करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
तभी चिंकी ने सोचा — “अगर मैं कोशिश नहीं करूँगी, तो यह बच्चा मर जाएगा।”
वह पूरी ताकत से उड़ान भरती हुई नीचे गई और कबूतर के बच्चे को अपनी पीठ पर लेकर पेड़ तक पहुँचा दिया।
🏅जीत और सम्मान
सबने सीखा बड़ा सबक
तूफ़ान रुकने के बाद, सभी पक्षी इकट्ठा हुए और बोले — “हम तुम्हें छोटा समझते थे, लेकिन तुम्हारा साहस हम सबसे बड़ा है!”
अब चिंकी जंगल की सबसे बहादुर गौरैया कहलाने लगी।
और धीरे-धीरे उसके अभ्यास ने उसे एक दिन आसमान की ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया।
🌈 कहानी से सीख (Moral of the Story)
कभी भी खुद को छोटा मत समझो।
मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है।
डर के आगे ही जीत होती है।
दूसरों की मदद करने वाला हमेशा महान बनता है।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह प्रेरणादायक कहानी बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कहानी बच्चों में आत्मविश्वास, साहस और मेहनत का महत्व सिखाती है।
इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
किसी की क्षमता का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए और मेहनत करने वाले हमेशा सफल होते हैं।
क्या यह कहानी स्कूल भाषण या निबंध के लिए उपयोग की जा सकती है?
हाँ, यह कहानी स्कूल असेंबली, निबंध और नाटक के लिए उपयुक्त है।
बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानी