💪 “निक वुजिसिक — बिना हाथ-पैर के, लेकिन हौसले पूरे!”
🌿 भाग 1: जन्म और झटका
4 दिसंबर 1982 — ऑस्ट्रेलिया में एक बच्चे का जन्म हुआ।
नाम रखा गया निक वुजिसिक (Nick Vujicic)।
लेकिन जन्म के समय डॉक्टर और परिवार दोनों हैरान रह गए —
निक के न हाथ थे, न पैर।
वह एक दुर्लभ बीमारी Tetra-amelia syndrome से पीड़ित थे।
माता-पिता टूट गए।
लोग कहते थे — “यह बच्चा तो कुछ कर ही नहीं पाएगा।”
यह सुनकर निक के दिल में अंधेरा छा गया।
कई बार उन्होंने सोचा —
“भगवान ने मुझे ऐसा क्यों बनाया?”
🌧️ भाग 2: दर्द और अकेलापन
बचपन में स्कूल जाना भी एक संघर्ष था।
बच्चे उसका मज़ाक उड़ाते थे।
वह अकेला रहता, रोता और खुद से नफरत करने लगा।
एक दिन उसने अपनी माँ से कहा,
“काश, मैं मर जाऊँ।”
माँ ने आँसू रोककर कहा —
“निक, भगवान ने तुझे बेवजह नहीं बनाया।
तू किसी बड़े मकसद के लिए पैदा हुआ है।”
ये शब्द उसके दिल में बैठ गए।
🔥 भाग 3: हिम्मत की शुरुआत
धीरे-धीरे निक ने खुद से कहना शुरू किया —
“अगर मैं कुछ नहीं कर सकता, तो मैं कुछ अलग कर सकता हूँ।”
उन्होंने अपने छोटे से पैर-जैसे हिस्से से कंप्यूटर चलाना, लिखना, तैरना और फुटबॉल मारना सीख लिया!
लोग हैरान रह गए —
जो इंसान चल नहीं सकता था,
वह दूसरों को खड़ा होना सिखाने लगा।
🎤 भाग 4: दुनिया का प्रेरक वक्ता
19 साल की उम्र में निक ने भाषण देना शुरू किया।
वह स्टेज पर खड़े होकर कहते —
“मेरे पास हाथ-पैर नहीं हैं,
लेकिन मेरे पास दिल है जो हार नहीं मानता।”
धीरे-धीरे वे दुनिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर बन गए।
50 से अधिक देशों में गए, लाखों लोगों को प्रेरित किया।
उन्होंने किताब लिखी —
📘 “Life Without Limits” (सीमाओं के बिना जीवन)
जो कई भाषाओं में बेस्टसेलर बनी।
💞 भाग 5: प्यार और परिवार
सबसे भावुक पल तब आया जब उन्होंने काने मियाहारा नाम की एक लड़की से शादी की।
आज उनके चार बच्चे हैं।
निक कहते हैं —
“लोग कहते थे मैं कभी पिता नहीं बन पाऊँगा,
लेकिन आज मैं दुनिया का सबसे खुश पिता हूँ।”
🌟 सीख:
निक की ज़िंदगी सिखाती है —
“सीमाएँ शरीर में नहीं, हमारे दिमाग में होती हैं।”
“अगर तुम्हारे पास कारण है जीने का,
तो दुनिया की कोई कमी तुम्हें नहीं रोक सकती।”
✨ उनका प्रसिद्ध कथन:
“अगर तुम चमत्कार देखना चाहते हो,
तो पहले खुद एक चमत्कार बनो।” 🌈